आज अचानक मौत का ख़याल आया,
किसका क्या हाल होगा नज़र के सामने आया,
सब ठीक हो जाएगा वक़्त मरहम रख देगा,
कई आये कई गए,
ज़माना किस किस को याद रखेगा,
मौत को जीवन से छुटकारा मानते हैं कुछ लोग,
अपने पीछे कुछ यादें कुछ पल छोड़ जाते हैं लोग,
किसी के जाने से कुछ नहीं रुकता,
ये सब जानते हैं,
पता नहीं फिर क्यों अपने को सब से जुड़ा मानते हैं
एक दिन सबको आनी है
कोई नहीं बचता,
आज नहीं तो कल सबको जाना है
दिल क्यों नहीं समझता,
मौत का इंतज़ार है सबको, पता नहीं किस तरह ले जाए,
किस को पीछे हँसता, रोता बिलखता छोड़ जाए,
रोज़ मरते हैं कुछ लोग थोड़ा जा जीने के लिए,
किसी के लिए मर कर देख शायद लगे
अमरत के कई प्याले पी लिए,
जब मौत से हमारा सामना होगा,
तो क्या सब कुछ भूल कर
उसके आगोश में चले जायेंगे ,
हम सब कुछ यहीं छोड़ कर
कोई साथ नहीं देगा?
सब देखते रह जाएंगे और हम भगवान को प्यारे हो जाएन्गे……………………..